हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव में चार राज्यों के विधान सभा चुनाव परिणाम (Assembly Election Results 2023) आ चुके है जिसमे भाजपा (BJP) को तीन राज्यों में बड़ी सफलता मिली है वही कांग्रेस(Congress) का बेहद खराब प्रदर्शन रहा है। इस चुनाव में बीजेपी क्यों कांग्रेस को हराने में कामयाब हो गई वहीं दूसरी तरफ क्या वजह रही कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा इन सभी मुद्दों पर एक-एक करके आज इस खबर में चर्चा करेंगे।
बीजेपी की पिच पर बैटिंग करना सबसे बड़ी वजह
जिस तरह से बीजेपी हर चुनाव में मंदिर और धार्मिक एजेंडे को कैश कराने कामयाब हो जाती है इस बार ठीक वैसा ही हुआ। वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी प्रियंका सहित कांग्रेस के तमाम नेता मंदिर मंदिर घूमे जिस पर बीजेपी ने चुनावी हिंदू कहकर उनका खूब माखौल भी उड़ाया। एक तरह से यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा की बीजेपी की पिच पर खेलने कांग्रेस चली गई।
मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जातिगत जनगणना सहित आरक्षण के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया लेकिन इसका मतदाताओं पर कोई खास असर नहीं देखा गया। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी की जो सबसे निचले तबके का वोटर है उसे जातिगत जनगणना, आरक्षण की समझ नहीं होती है उसे सिर्फ इतना समझ में आता है उसका डायरेक्ट लाभ क्या हो रहा है और कहा से हो रहा है। जैसे मुफ्त राशन, फ्री गैस सिलेंडर, लाड़ली लक्ष्मी योजना हो, क्योंकि वह ओबीसी दलित आदिवासी, गरीब मजदूर रोज कमाने खाने वाला तबका जिसकी चुनाव में सबसे बड़ी भागीदारी होती है उसे लगता है की जाती जनगणना आरक्षण आदि चीजे उसके लिए किसी तरह से फायदे मंद नहीं। इन सबका लाभ उनके समाज के संपन्न लोग ही लेते है।
बीजेपी का बूथ स्तर तक मजबूत संगठन
भारतीय जनता पार्टी भूत स्तर से लेकर उनके पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का मजबूत संगठनात्मक ढांचा तैयार है जो हर चुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ता है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में बूथ स्तर पर संगठन में भी कमजोरी देखी जाती है इसको एक उदाहरण से समझ लेते हैं अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा था की कांग्रेस पार्टी सभी 80 सीटो पर चुनाव लडेगी। जबकि जमीनी हकीकत यह है की उत्तर प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कई बूथों पर इनका झोला पकड़ने वाला कार्यकर्ता तक नहीं मिला। उत्तर प्रदेश में हर बूथ तक अगर किसी की पकड़ है तो वह है बीजेपी दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी और तीसरे नंबर पर बसपा का भी संगठन है 2024 के चुनाव में खासकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी का मुकबला करने के लिए बिना सपा या बसपा के कांग्रेस को जमानत बचाना मुश्किल होगा।
कांग्रेस का ओवर कॉन्फिडेंस बना हार की वजह
चुनाव से पहले कांग्रेस का ओवर कॉन्फिडेंस भी हार का सबसे बड़ा कारण बना जिस तरह से इंडिया गठबंधन के घटक दल आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी को चुनावी राज्यों में सीट ना देकर कांग्रेस ने चुनाव लडा यह भी एक बड़ी वजह रही।
चुनाव से पहले कांग्रेस को लग रहा था कि इन राज्यों में कांग्रेस अकेले दम पर जीत लेगी जिसकी वजह से उसने प्रेशर पॉलिटिक्स करने का मन बनाया और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव के खिलाफ अपने नेताओं से बयानबाजी करवाई। ताकि 2024 में इन क्षेत्रीय दलों पर दबाव बनाया जा सके।
कांग्रेस नेताओ की आपसी गुट बाजी
चाहे राजस्थान हो मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़ इन सभी राज्यों में कांग्रेस के नेताओं में कई मौकों पर साफ तौर पर गुटबाजी देखने को मिली जिसका असर सीधे मतदाताओं पर पड़ा और कांग्रेस की हार का एक सबसे बड़ा कारण उनके अपने ही नेताओं की गुटबाजी भी एक कारण बनी।
बीजेपी ने आखिर कैसे किया डैमेज कंट्रोल ?
भारतीय जनता पार्टी को जहां पर भी अपनी कमजोरी का एहसास हुआ उसने अपने बड़े नेताओं को और मंत्रियों को चुनाव में उतार दिया जिसका भरपूर फायदा भी उसे मिला और बड़े नेताओं ने अपने क्षेत्र में मतदाताओं में यह संदेश दिया कि वह ही मुख्यमंत्री के दावेदार हैं जिसका असर रहा कि आसपास की भी कई सीटों से इसका लाभ मिला। क्योंकि पूरे चुनाव के दौरान इस बार मध्य प्रदेश में यह चर्चा जोरों पर थी की मामा मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होंगे।
0 टिप्पणियाँ