पिछले कुछ वर्षों में यूपी बोर्ड परीक्षाओं (UP Board Exam) में नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस बार परीक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में मुन्ना भाई (फर्जी अभ्यर्थियों) से निपटने के लिए परीक्षा केंद्रों पर फेस रीडिंग कराने की परीक्षा बोर्ड की तैयारियों पर बहस तेज हो गई है। फर्जी अभ्यर्थियों की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए बोर्ड केंद्रों पर चेहरा पढ़ने वाला यंत्र (Face Reading Device) लगाने पर विचार कर रहा है ताकि परीक्षा सुरक्षित रूप से आयोजित की जा सके।
Azamgarh News : मुन्ना भाइयों की खैर नहीं, परीक्षा केंद्रों फेस रीडर लगाएंगी निजी एजेंसियां।
पिछले कुछ वर्षों में यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 2023 की बोर्ड परीक्षा के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी अभ्यर्थियों के परीक्षा देने का मामला सामने आया था, जिसके बाद 2024 की बोर्ड परीक्षा को लेकर विभाग सख्त कदम उठाता नजर आ रहा है। विभाग ने कहा कि हर केंद्र पर फेस स्वैबिंग की व्यवस्था करना संभव नहीं हो सकता है, लेकिन परिषद ने कुछ स्कूलों की पहचान की है और उसके अनुसार व्यवस्था कर रही है। इसका कारण यह है कि कुछ दिन पहले पीईटी परीक्षा के दौरान ऐसे फर्जी अभ्यर्थियों को फेस रीडर का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया था।
मनोज कुमार मिश्र, डीआईओएस आजमगढ़ के मुताबिक परीक्षा केंद्रों की संख्या अधिक है। इसलिए, सभी केंद्रों में चेहरे की पहचान करना मुश्किल है। अगले साल से इसके पूरी तरह लागू होने की उम्मीद है। इस बार भी निजी एजेंसियों द्वारा चेहरे पढ़ने की बात हो रही है। वह कुछ चयनित स्कूलों में फेस रीडिंग कराएंगे।
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