UP Police: योगी सरकार का बड़ा फैसला , 50 साल से ज्यादा उम्र के पुलिस कर्मियों के लिए बुरी खबर !

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UP Police: योगी सरकार का बड़ा फैसला , 50 साल से ज्यादा उम्र के पुलिस कर्मियों के लिए बुरी खबर !

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया। यूपी पुलिस के 50 साल  की उम्र पूरी करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए दिवाली से पहले बुरी खबर आ गई है। ऐसे सभी पुलिस वालों की फिटनेस, बीमारी, भ्रष्टाचार के आरोप और सर्विस ट्रैक रिकॉर्ड आदि के आधार पर स्क्रीनिंग होने वाली है। इन पैरामीटर्स पर खरा नहीं उतरने वाले पुलिस कर्मियों पर रिटायरमेंट की तलवार लटक रही है। पुलिस विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है और सभी जिलों में स्क्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। पीएसी मुख्यालय के आईजी की ओर से सभी पीएसी जोन के आईजी, डीआईजी और सेनानायक को पत्र भेजा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक महकमे और पुलिस विभाग की छवि सुधारने के लिए पहले भी कई सख्त फैसले ले चुके हैं।


उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अनिवार्य सेवानिवृति के लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई नियमानुसार पूरी कराई जाए। रिटायर किए जाने वाले कर्मियों की सूचना मुख्यालय स्तर पर 20 नवंबर तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। जबरन रिटायर किए जाने वाले पुलिसकर्मियों के लिए स्क्रीनिंग के कई मानदंड तय किए गए हैं। इसमें सर्विस ट्रैक रिकॉर्ड, भ्रष्टाचार या ऐसे कोई दूसरे आरोप, फिटनेस से लेकर बीमारी जैसे कई पैरामीटर्स हैं।
 उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद पिछले वर्षों में 40 से 45 पुलिसकर्मी इस दायरे में आकर जबरन रिटायर किए जाते रहे हैं। इस साल भी माना जा रहा है कि यह संख्या इसके आसपास ही रह सकती है। अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना संजय सिंघल ने कहा कि यह औपचारिक प्रक्रिया है जो हर साल की जाती है। इसके तहत सिर्फ 50 से 51 साल वाले पुलिसकर्मियों को ही लाया जाएगा। बता दें कि चर्चित आईपीएस अमिताभ ठाकुर भी इसी स्क्रीनिंग प्रक्रिया के तहत रिटायर किए गए थे।

 स्क्रीनिंग के तहत तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में अगर किसी पुलिसकर्मी के दागी, भ्रष्ट या वर्क एथिक्स के खिलाफ काम करने के प्रमाण मिलेगें तो उसे शामिल किया जाएगा. इसके अलावा, भ्रष्टाचार, पद का दुरुपयोग, गलत तरीके से संपत्ति अर्जन जैसे पैरामीटर हैं। पुलिसकर्मियों की फिटनेस और स्वास्थ्य भी इसका एक प्रमुख पैरामीटर हैं। किसी दुर्घटना या गंभीर बीमाी से ग्रस्त पुलिसकर्मी जो ड्यूटी परफॉर्म करने के लिए शारीरिक-मानसिक तौर पर फिट न हो उसे भी जबरन रिटायर किया जा सकता है।

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