आजमगढ़ जनपद के सगड़ी तहसील क्षेत्र के महुला गढ़वल बांध से उत्तर तरफ के लोगों को विकास की आस लगाए वर्षों बीत गए। विकास का वनवास खत्म होने का नाम नही ले रहा है। जब भी चुनाव आता है यह क्षेत्र तब राजनीतिक अखाड़ा बन जाता है चाहे लोक सभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा का हर बार चुनाव के बाद देवारा वासियों को विकास के आश्वासन की नाव पर तैराया जाता है और सपना दिखाकर सिर्फ वादों का झुनझुना पकड़ा दिया गया है।
Azamgarh News: ये प्रशानिक उपेक्षा है या भ्रष्टाचार की भेट का नमूना, हर चुनाव में बनता है राजनैतिक मुद्दा
आजादी के सात दशक से अधिक का समय व्यतीत होने के बाद भी देवारा क्षेत्र विकास से अछूता है। वर्ष में लगभग तीन माह तक बाढ़ या बरसात के पानी की विभीषिका से ग्रसित देवारा क्षेत्र में न तो आवागमन हेतु रास्ते सुगम है न ही पुल पुलिया आपको बता दें कि सगड़ी तहसील क्षेत्र के अंतर्गतगत विधानसभा क्षेत्र गोपालपुर व सगड़ी आते है दोनों विधानसभा क्षेत्रों का महुला गढ़वल बांध से उत्तर तरफ सरयू नदी के तट तक विस्तार है लेकिन किसी भी क्षेत्र में महुला गढ़वल बांध से उत्तर तरफ बसी आबादी वालें गांवों को मुख्यमार्ग से जोड़ने के लिए कोई भी पक्की सड़क या कोई बड़े पैमाने पर पुल नही है। क्षेत्र में कुछ जगहों पर छोटी छोटी पुलियों का निर्माण हुआ है किंतु सभी से बाढ़ के समय पानी अधिक होने के कारण आवागमन सुलभ नहीं हो पाता है।
कई गांवों को जोड़ने वाला चिकनिहवा पुल वर्षो से अधूरा
महाजी देवारा जदीद समेत अन्य कई गांवों को जोड़ने वाला एक दशक से अधिक समय से चिकनिहवा बाजार के पास बना अर्धनिर्मित पुल का निर्माण आज तक पूर्ण नही हो सका। जिसे लेकर वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान ग्राम वासियों द्वारा लोकसभा चुनाव में मतदान से बहिष्कार किया गया था उसके बाद से यह पुल हर बार सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है। पुल का निर्माण अपूर्ण होने की वजह से बाढ़ के समय में प्रति दिन लगभग हजारों लोगों को जान जोखिम में डालकर रोजमर्रा के समान लेने के लिए बाजार पहुंचते है।
वहीं कुढही बाजार के पास बना अर्धनिर्मित पुल भी एक दशक से अधिक समय से अपने पूर्ण होने की आस देख रहा है रसूल पुर ढाले के पास में मदरहवा समेत दर्जनों गांवों से जोड़ने के लिए एक पुलिया का निर्माण हुआ किन्तु बाढ़ की विभीषिका को झेलने में असफल रहा
लाखों की लागत से बना पुल चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेट।
वहीं गोवर्धन ढाला के पास के लाखों की लागत से बना पुल कमीशन के बंदरबाट के चक्कर में मानक के विपरीत होने की वजह से बाढ़ की विभीषिका को झेल नहीं पाया और चंद दिनों में धाराशाही हो गया। कुछ ग्राम वासियों द्वारा पुल की मांग की गई किंतु विभाग द्वारा यह हवाला देकर पुल निर्माण की मांग को ठुकरा दिया जाता है कि असाध्य क्षेत्र है। अगर आजमगढ़ जनपद में स्थित महुला गढ़वल बांध से उत्तर तरफ का क्षेत्र असाध्य है तो सवाल यह उठता है समान बाढ़ की विभीषिका को झेलने वाला ब्रह्मचारी जी की कुटी से लेकर चिकनिहवा बार्डर तक का क्षेत्र साध्य कैसे हो सकता है जहां पर पुल का निर्माण विगत कुछ वर्षों से चल रहा है खैर यह विभाग से संबंधित प्रकरण है इसकी परिभाषा और मानक उन्ही को तय करना होता है।
वही बेलहिया ढाला के पास बना पुल पूर्व में आई बाढ़ की धारा में समाहित हो गया जिससे दर्जनों गांवों के आवागमन का मुख्यमार्ग से टूट गया।
विगत लोक सभा उपचुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी दिनेशलाल यादव निरहुआ ने क्षेत्र को लोगों को वादा करके खूब लुभाया और चुनाव परिणाम भी पक्ष करने में सफल रहे किन्तु वर्षो व्यतीत हो जाने के उपरांत अपने वादे को पूरा करने में असफल रहें।
देवारा विकास सेवा समिति ने दी आंदोलन की चेतावनी
वही देवारा क्षेत्र के विकास हेतु सतत संघर्ष करने वाली देवारा विकास सेवा समिति के अध्यक्ष रामकेदार यादव ने कहा कि उनके द्वारा क्षेत्र के विकास हेतु सतत संघर्ष जारी रहेगा। मेरे द्वारा भी लगातार कई बार देवारा की समस्याओं को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को अवगत कराया गया किन्तु समस्या जस की तस बनी हुई है। देवारा क्षेत्र के विकास की लड़ाई देवारा विकास सेवा समिति लड़ती रहेगी। अगर देवारा क्षेत्र की मांगे पूर्ण नही हुई तो देवारा विकास सेवा समिति बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। वही देवारा क्षेत्र में शिक्षा को लेकर बात की जाए तो शिवपुर स्थित श्री दुर्गा जी जूनियर हाईस्कूल को छोड़कर कोई भी उच्च शिक्षा हेतु विद्यालय या महाविद्यालय नही है।
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