यातायात नियमों (Trafic Rule) का पालन करना हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। कई बार नियमों का पालन न करना घातक भी हो जाता है। पुलिस प्रशासन भी लोगो को लगातार जागरूक करता है। तथा कड़ाई से पालन कराने के लिए जुर्माना भी लगाता है। लेकिन कुछ भ्रष्ट लोग इन नियमों की आड़ में धौंस दिखाकर इसे धन उगाई का जरिया भी बना दे रहे है। और जनता का शोषण कर रहे है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में घूसखोरी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने बाइक का 5 हजार रुपए का चालान सिर्फ इसलिए काट दिया क्योंकि साहब को एक हजार रुपए घूस नहीं मिली।
खबरों के मुताबिक जांच के दौरान सभी पेपर सही पाए गए, नंबर प्लेट में भी कोई खामी नहीं निकली तो बोला गाड़ी फतेहपुर की है। इसके चलते एक हजार तो देने पड़ेंगे। अगर नहीं दोगे तो 5 हजार का चालान काट देंगे। घूस नहीं देने पर HSRP नंबर प्लेट नहीं होने का 5 हज़ार का चालान काट दिया। जबकि गाड़ी में (HSRP) हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगी थी। अब इस मामले में DCP ट्रैफिक ने जांच बैठा दी है। बता दें कि फतेहपुर का रहने वाले वाला एक व्यक्ति मौजूदा समय में चकेरी में रहता है वह अपनी बाइक से नौबस्ता दवा लेने जा रहा था देहली सुजानपुर पहुंचते ही चौराहे पर तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह ने बाइक रुकवा दी। जांच के दौरान सभी पेपर दिखाए, उसमें कोई खामी नहीं मिली। इसके बाद अशोक कुमार ने वर्दी का रौब दिखाते हुए कहा कि फतेहपुर की गाड़ी यहां चला रहे हो ? 1 हजार तो देना पड़ेगा, नहीं तो 5 हजार का चालान कटेगा। ना देने पर मोबाइल से नंबर प्लेट की फोटो खींचते हुए 5 हजार का चालान काट दिया।
गौरतलब है कि पीड़ित ने मामले की शिकायत डीसीपी रवीना त्यागी ऑफिस में की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर पूरे ट्रैफिक विभाग की चेकिंग के नाम पर वसूली के सच को रख दिया। इसके बाद ट्रैफिक विभाग हरकत में आया और डीसीपी ट्रैफिक रवीना त्यागी ने मामले में जांच का आदेश दिया। इसके साथ ही चालान भी निरस्त करने का आश्वासन दिया।
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