अलीगढ़ कों हरीगढ़ बनाएंगे बागेश्वर वाले बाबा धीरेन्द्र शास्त्री का विवादित बयान

Mobile Logo

Mobile Logo

अलीगढ़ कों हरीगढ़ बनाएंगे बागेश्वर वाले बाबा धीरेन्द्र शास्त्री का विवादित बयान

Aligarh News: Bageshwar बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने यूपी के अलीगढ़ जिले का नाम बदलकर हरिगढ़ करने की मांग उठा दी है। उन्होंने यूपी के सीएम  योगी आदित्यनाथ से अलीगढ़ का नाम बदलने की डिमांड की है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद एक बार इस मुद्दे को लेकर सियासत भी गर्मा गई है। समर्थकों का  कहना है कि वह अलीगढ़ का नाम परिवर्तन करने की काफी लंबे समय से मांग कर रहे थे। अब प्रख्यात कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने भी उनकी मांग का समर्थन किया है।

दरअसल, अलीगढ़ महानगर के हरदासपुर स्थित 108 कुंडीय महायज्ञ और भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में कथावाचक धीरेंद् शास्त्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा बयान दिया, जिसमें कहा कि अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ हो जाएगा तब वह यहां आएंगे। जिसे लेकर अलीगढ़ महानगर में तरह तरह की चर्चाएं होने लगी है। वैसे तो बाबा अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते है। इससे पहले बाबा बागेश्वर धाम पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप महाराष्ट्र की एक संस्था ने लगाया था। इसी तरह एक बयान में उन्होंने कहा था कि ''हिंदुओं एक हो जाओ पत्थर फेंकने वालों पर बुलडोजर चलाओ' वहीं कुछ युवाओं का कहना है कि अलीगढ़ का नाम कभी भी अलीगढ़ नहीं था, लेकिन कुछ आताताइयों ने अपने कार्यकाल के दौरान इसका नाम अलीगढ़ कर दिया। 

  धर्मगुरु ने बयान को लेकर जताई कड़ी आपत्ति

  भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान का संज्ञान लेना चाहिए और अलीगढ़ का नाम हरीगढ़ कर देना चाहिए। जिससे अलीगढ़ वासियों को हरीगढ़ नाम लेने में अच्छा प्रतीत हो, क्योंकि जब नाम लेता है आदमी तो हरि का नाम उसमें छोड़ जाता है। इसलिए अलीगढ़ का नाम हटाकर उसे हरिगढ़ कर देना चाहिए। उधर अलीगढ़ के धर्मगुरु मुफ़्ती जाहद अली खान ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश को बर्बादी के रास्ते पर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुल्क सबका है। इसमें कुछ हिस्सा मुसलामानों का भी है। यह पहले भी रहा है और आगे भी रहेगा। देश पार्टनरशिप के हिसाब से चलना चाहिए। अगर कोई मुसलामानों का नाम मिटाना चाहता है तो मिटा दीजिए। जब सत्ता बदलेगी तो कोई उनका नाम हटा देगा। देश गृह युद्ध की तरफ जा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ